RAJBHASHA
प्रस्तावना-
केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान रेशम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश का एकमात्र संस्थान है जो कोसोत्तर गतिविधियों के अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में समर्पित भाव से कार्य कर रहा हैं । इसके 14 एकक देश के विभिन्न भागों में अवस्थित हैं। संस्थान एवं इसके एककों में राजभाषा कार्यान्वयन के लिए संघ के वार्षिक कार्यक्रम के अनुसार प्रत्येक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं । संस्थान में राजभाषा अनुभाग में सहायक निदेशक (राजभाषा) एवं कनिष्ठ अनुवादक (हिन्दी) कार्यरत हैं जो सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की निरंतर अभिवृद्धि के लिए विभिन्न स्तरों पर समन्वयन एवं सहयोग का कार्य करते हैं। राजभाषा अधिनियम, राजभाषा संकल्प, राजभाषा नियम तथा आदेशों एवं अनुदेशों के आलोक में राष्ट्रीय एकता, अस्मिता एवं बहुभाषिकता व बहुसंस्कृति के बीच राजभाषा नीति प्रेरणा, प्रोत्साहन तथा सद्भावना के आधार पर नियमित कार्य योजना एवं अनुश्रवण के द्वारा लागू करने हेतु प्रतिबद्ध भाव से कार्य किए जाते हैं । संस्थान एवं एककों में विभिन्न राजभाषा प्रावधानों को सुचारु रूप से लागू करने लिए अनुवाद की तुलना में मूल रूप से हिन्दी में कामकाज करने पर बल दिया जाता हैं। अधिकारियों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के द्वारा हिन्दी में काम करने में आने वाली झिझक को दूर करने के किए मुख्य संस्थान एवं इसके एककों में प्रत्येक हिन्दी तिमाही में हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता हैं । जिसमें विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को आमंत्रित कर संबन्धित अधिकारियों/ कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता हैं । फलस्वरूप संस्थान एवं इसके एककों में राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग में उतरोत्तर सुधार हो रहा हैं। अनुपालन के कुछ प्रमुख बिन्दु इस प्रकार हैं-
- तिमाही बैठक– मुख्य संस्थान एवं इसके एककों में राजभाषा कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया हैं । कार्यालय प्रमुख इसके अध्यक्ष होते हैं। उनकी अध्यक्षता में प्रत्येक तिमाही में बैठक आयोजित कर राजभाषा कार्यान्वयन के विभिन्न प्रावधानों के अनुपालन की समीक्षा की जाती हैं । बैठक में लिए गए निर्णयों पर अनुवर्ती कार्रवाई की जाती हैं।
- राजभाषा निरीक्षण– संस्थान एवं इसके एककों में हो रहे राजभाषा कार्यों का निरीक्षण सहायक निदेशक (राजभाषा) एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता हैं । स्थल पर ही कमियों को दूर करने के लिए उपयोगी सुझाव दिये जाते हैं ।
- तिमाही प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा– विभिन्न अनुभागों, प्रभागों एवं एककों से प्राप्त होने वाली हर तिमाही की प्रगति रिपोर्टों की समीक्षा मुख्यालय में की जाती हैं । तथा पाई गई कमियों को दूर करने के लिए उपयोगी सुझाव दिये जाते हैं ।
- राजभाषा नियम 10(4)/8(4) के अन्तर्गत अधिसूचना/ विनिर्देशन– मुख्य संस्थान सहित इसके 10 कार्यालयों को राजभाषा नियम 10(4) के अन्तर्गत भारत सरकार के राजपत्र में अधिसूचित किया गया हैं । इन कार्यालयों में प्रवीणता व कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त अधिकारियों, कर्मचारियों को हिन्दी में काम करने के लिए विनिर्दिष्ट किया जाता हैं ।
- हिन्दी में मूल काम करने के लिए पुरस्कार योजना– संस्थान एवं इसके एककों के अधिकारियों/कर्मचारियों को हिन्दी में अधिकाधिक कामकाज करने के लिए प्रेरित करने हेतु नकद प्रोत्साहन पुरस्कार योजना संचालित की जाती हैं ।
- हिन्दी प्रशिक्षण/ कम्प्युटर पर हिन्दी में काम करने हेतु प्रशिक्षण– संस्थान एवं इसके एककों के अधिकारियों/ कर्मचारियों को हिन्दी में कार्यसाधक/प्रवीणता ज्ञान प्रदान करने के उद्देशय से हिन्दी शिक्षण योजना के अन्तर्गत संचालित प्रबोध, प्रवीण, प्राज्ञ एवं पारंगत स्तर का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई हैं ।
संस्थान एवं इसके एककों के सभी कम्प्युटर यूनिकोड़ समर्थित हैं एवं इनमें अधिकारी/कर्मचारी अपना कामकाज अपेक्षानुसार द्विभाषी हिन्दी में करते हैं ।
- हिन्दी दिवस, हिन्दी पखवाड़ा, तथा हिन्दी प्रतियोगिताएं– संस्थान एवं इसके एककों में प्रतिवर्ष नियमित रूप से हिन्दी दिवस, हिन्दी पखवाड़ा एवं हिन्दी प्रतियोगिताओं का नियमित रूप से आयोजन किया जाता हैं जिसमें अधिकारी/कर्मचारी उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं । संस्थान में विश्व हिन्दी दिवस एवं कवि सम्मेलनों का भी समय- समय पर आयोजन किया जाता हैं । संस्थान के अधिकारी/कर्मचारी नगर स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित करते हैं । तथा उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत भी किए जाते हैं ।
- राजभाषा सम्मेलन/ तकनीकी सेमिनार/ संगोष्ठी– गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलनों में संस्थान अपनी प्रतिभागिता सुनिश्चित करता हैं । इसके अलावा हिन्दी में वैज्ञानिक एवं तकनीकी साहित्य के सृजन को बढ़ावा देने के उद्देशय से संस्थान में अखिल भारतीय स्तर के तकनीकी सेमिनारों का भी आयोजन किया जाता हैं । जिनमें वैज्ञानिक मूल रूप से हिन्दी में लिखे गए शोध पत्रों को प्रस्तुत करते हैं । केंद्रीय रेशम बोर्ड के अन्य कार्यालयों द्वारा आयोजित संगोष्ठियों में भी संस्थान के वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुत करते हैं ।
- हिन्दी प्रकाशन– संस्थान प्रतिवर्ष वार्षिक प्रतिवेदन एवं प्रत्येक तिमाही न्यूज़लेटर का प्रकाशन करता है । इसके मुख्यांश द्विभाषी में होते हैं तथा इनमें राजभाषा गतिविधियां भी प्रमुखता से शामिल की जाती हैं। संस्थान द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी को जनसामान्य तक पहुँचने के लिए हिन्दी एवं क्षेत्रीय भाषाओ में तकनीकी बूकलेटों का प्रचुर संख्या में प्रकाशन किया जाता हैं । संस्थान एवं इसके एककों के अधिकारियों/कर्मचारियों की तकनीकी/साहित्यिक रचनाएँ केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा प्रकाशित पत्रिका “रेशम भारती” में नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं ।
- हिन्दी पुस्तकालय– संस्थान के अधिकारियों/कर्मचारियों के लाभार्थ संस्थापित पुस्तकालय में प्रतिवर्ष स्तरीय एवं लोकप्रिय हिन्दी साहित्य की पुस्तकें, शब्दकोश एवं संदर्भ ग्रन्थों की खरीद की जाती हैं । इनके अलावा पाक्षिक/मासिक हिन्दी पत्रिकाओ तथा हिन्दी समाचार पत्रों की नियमित खरीद की जाती हैं । अब तक संस्थान के पुस्तकालय में कुल 1142 हिन्दी पुस्तकें हैं।
विशेष उपलब्धियाँ-
मुख्य संस्थान-
- संस्थान को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (कार्यालय), बेंगलुरु, एन ए एल बेंगलुरु द्वारा वर्ष 2012-13 के दौरान राजभाषा हिन्दी के प्रयोग को बढ़ाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- 2. विज्ञान सम्मेलन भवन, सी एस आर आई केम्पस, तारामणि, चेन्नई में वर्ष 2012-13 के दौरान संघ की राजभाषा नीति के श्रेष्ठ निष्पादन के लिए संस्थान को तृतीय क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार प्राप्त किया।
- वर्ष 2013-14 के लिए द्वितीय इन्दिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
- वर्ष 2015-16 के लिए नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (का.) बेंगलुरु का प्रथम राजभाषा पुरस्कार संस्थान को प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2014-15 के लिए केरेबो राजभाषा चलशील्ड योजना के तहत उपनिदेशक/सहायक निदेशक (राभा) वाले बोर्ड कार्यालयों में केरेप्रौअसं, बेंगलुरु को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
- वर्ष 2015-16 के दौरान संघ की राजभाषा नीति के कार्यान्वयन में उत्कृष्ठ योगदान के लिए उपनिदेशक/सहायक निदेशक (राभा) वाले कार्यालयों में केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु को द्वितीय केरेबो राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2018-19 के दौरान संघ की राजभाषा नीति के उत्कृष्ठ कार्यान्वयन के लिए संस्थान को राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय द्वरा 50 से अधिक कार्मिकों वाले कार्यालय में तृतीय राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
- राजभाषा विभाग द्वारा संस्थान को वर्ष 2021-22 के दौरान राजभाषा के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई।
- राजभाषा विभाग द्वारा संस्थान को वर्ष 2022-23 के दौरान राजभाषा के क्षेत्र में प्रथम पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की गई।
अधीनस्थ कार्यालय-
- संस्थान के आंचलिक कार्यालय, बिलासपुर को वर्ष 2011-12 के लिए हिन्दी कर्मचारी रहित केरेबो कार्यालयों में प्रथम केरेबो चलशील्ड प्राप्त हुई।
- वर्ष 2012-13 के लिए क व ख क्षेत्र में हिन्दी कर्मचारी रहित बोर्ड कार्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर केरेबो मुख्यालय ने केरेबो राजभाषा चलशील्ड प्रदान की।
- क तथा ख क्षेत्र स्थित बोर्ड कार्यालयों के बीच जहा हिन्दी कर्मचारी नहीं हैं, आंचलिक कार्यालय, बिलासपुर को केरेबो राजभाषा चलशील्ड प्रदान की गई।
- वस्त्र परीक्षण प्रयोगशाला, वाराणसी को उत्तर-2 क्षेत्र के लिए वर्ष 2015-16 हेतु 50 से कम संख्या वाले कार्यालयों के बीच राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए द्वितीय क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- वर्ष 2014-15 के लिए केरेबो राजभाषा चलशील्ड योजना के तहत ‘क’ व ‘ख’ क्षेत्र स्थित वरिष्ठ/कनिष्ठ अनुवादक (हिन्दी) रहित वाले बोर्ड कार्यालयों में आंचलिक कार्यालय, केरेप्रौअसं, बिलासपुर को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
- हिन्दी कर्मचारी रहित (क व ख क्षेत्र) वाले कार्यालयों में केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान बेंगलुरु के आंचलिक कार्यालय, बिलासपुर को केरेबो राजभाषा शील्ड प्राप्त हुई।
- हिन्दी कर्मचारी रहित (ग क्षेत्र) वाले कार्यालयों में केंद्रीय रेशम प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु के प्रदर्शन सह तकनीकी सेवा केंद्र, कटक को द्वितीय केरेबो राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- गंगटोक (सिक्किम) में सम्पन्न क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन मे प्रदर्शन सह तकनीकी सेवा केंद्र, कटक को पूर्व क्षेत्र में ‘ग’ क्षेत्र में स्थित 50 से कम कर्मचारी वाले कार्यालयों के बीच राजभाषा कार्यान्वयन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए द्वितीय क्षेत्रीय राजभाषा पुरस्कार प्राप्त हुआ।
- रेतसेके, बिलासपुर- एकक को बेहतर राजभाषा कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2018-19 के लिए राजभाषा विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार प्रदान प्राप्त हुआ ।
- क्षेत्रीय रेशम प्रौद्योगिक केंद्र, वाराणसी को वर्ष 2020-21 राजभाषा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए नगर स्तर पर तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।